नवीन कविता - घर घर मोदी
चार मोदी भारत भूमि के,
चारों धूर्त प्रवीन,
आईपीएल खाके ललित चल दिया,
बाकी रह गए तीन.
*तीन मोदी भारत भूमि के,
उड़ने लग गए वो,
सृजन घोटाला किया सुशील ने,
बाकी रह गए दो.
*दो मोदी भारत भूमि के,
दोनों नहीं थे नेक,
बैंक लूटकर नीरव भग लिया,
बाकी रह गया एक.
*एक मोदी भारत भूमि का,
कॉर्पोरेट की सेवा करे दौड़ा-दौड़ा,
झोला भरकर ये भी चल देगा,
बाक़ी बचेगा चाय पकौड़ा.
skbhartionline.blogspot.com by SK BHARTI
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