मोदी ने विदेश यात्रा और विज्ञापनों में खर्च किये इतने रूपये
जो लोग मायावती जी के 6 अरब के अम्बेडकर पार्क में रोजगार, अस्पताल, विश्वविद्यालय और फैक्ट्रियां ढूंढते थे, आज 30 अरब की पटेलजी की मूर्ति,12 अरब की राम मूर्ति, 66 अरब के विज्ञापन+विदेशी दौरे, और 27 अरब के कुम्भ आयोजन पर चुपचाप मौन धारण किये हैं। यह उनकी मूढ़ता का परिचायक है।
सुश्री मायावती जी और परमपूज्य बाबा साहेब अनुसूचित जाति से हैं इसीलिये इनका विरोध करना हो तो और बात है। लेकिन वर्तमान बीजेपी की अपव्य्यता पर भी अपना परमज्ञान ठेलते तो कोई बात थी। आज अधिकांश भक्त बने हैं-इतने भयंकर अपव्यय में कितने रोजगार, अस्पताल,फैक्ट्रियां और विश्वविद्यालय खुल गये????
जनता के टैक्स के पैसे का यह कौन सा सदुपयोग है??? विरोध के लिये विरोध करना मूर्खता है,शिक्षा तो अच्छे-बुरे के फर्क तौलने के लिये है। यदि इतने पर भी अपना दिमाग बन्द रखना चाहते हो तो तुमसे मूर्ख दूसरा कोई नहीं.....भक्ति मुबारक।
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