सावधान, मनुवादी नीतियों से आप जातिगत कार्य करने को मजबूर होने वाले हैं

हमारी सरकार ने कुम्हार जातियों के लोगों के अंदर कौशल विकास करने के उद्देश्य से माटी कला बोर्ड की स्थापना की है। जो कुम्हार जाति के लोगों को अच्छे से मिट्टी के बर्तन बनाना सिखाएंगा।
ठीक इसी प्रकार से हमारी उत्तर प्रदेश सरकार ने भी नाई जातियों के लोगों में बाल कटिंग करने का कौशल विकास करने के लिए केश कला बोर्ड की मंजूरी दी है। जो नौआ जातियों में बाल काटने की ट्रेनिंग देगा। नौउन भौजी के अंदर कौशल विकसित करने हेतु तेलमालिश कला बोर्ड बनाना हमारा दृढ़ संकल्प है।
- अभी आने वाले समय में चमार जातियों में कौशल विकसित करने के लिए चर्म कला बोर्ड।
- खटीक जातियों में कौशल विकसित करने के लिए गोस्त कला बोर्ड।
- काछी कुशवाहा शाक्य कुर्मियों लोधी,जाट आदि जातियों में कौशल विकसित करने के लिए खेतीबाड़ी कला बोर्ड।
- गडरिया जातियों में कौशल विकसित करने लिए भेड़कला बोर्ड।
- अहीर जातियों में कौशल विकसित करने के लिए गऊकला बोर्ड।
- पासी जातियों में कौशल विकसित करने के लिए बराहकला बोर्ड।
- धानुक जातियों में कौशल विकसित करने के लिए प्रसव कला बोर्ड।
- धोबी जातियों में कौशल विकसित करने के लिए वस्त्रधुलाई कला बोर्ड आदि बनाने के महत्वाकांक्षी मार्ग पर सरकार चल रही है।
जल्द ही जो जाति, जिस पैतृक काम से जानी जाती है वह वही काम करें इसके लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना द्वारा लोगों में जातिगत कौशल का विकास किया जाएगा। यही हमारा संकल्प है, जिसकी सिद्धि होना अभी बाकी है। इन जातिगत पेशो से ही भारत विकसित व स्वावलंबी बनेगा। समरसता विकसित करने हेतु यह कौशल विकास योजनाएं मील का पत्थर साबित होगी ।
🤔अब भारत के विकास में कोई बाधा आ नही सकती । दुनिया की टेक्नोलॉजी में भारत का डंका बजेगा डंका।
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थोडे ही दिनों मे SC/ST/OBC में डाक्टर, इंजीनियर, IAS, IPS, RAS, RTS, TEACHERS, PROFESSOR MBA दुर्लभ होकर जाति के आधार पर जातिगत कार्य करने को मजबूर होनेवाले हैं। अब बताइए युरेशियन ब्राह्मणों कि यह गुलामी है या यूरेशियन ब्राह्मणो दवारा निर्मित धर्म है ?
रामराज नही ,
हमे भीमराज चाहिये ~ जय भीम
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